भारत देश महान
"भारत देश महान"
हमारा भारत महान,
प्राचीन युग या आधुनिक,
भारत सदियों से महान,
कर्म भूमि भारत,
तपस्वियों की तपो भूमि,
वर्षों करते थे तपस्या ऋषि मुनि,
बन नारी भस्मासुर ने,
भंग करी जब तपस्या,
कर डाला भस्म भस्मासुर को,
प्रकांड पंडित रावण,
वेद ग्रंथों का महान ज्ञाता,
जिसने स्वर्ग का रास्ता जाना
समझते हुए न समझ बन बैठा,
जीवन पर्यन्त लगा लिया कलंक,
हर लाया प्रभु की पत्नी को
ये प्राचीन भारत का,
वो ज़माना था मर्यादा थी
न छुआ, न किया प्रताणित
नेस्तनाबूद करवा ली लंका जिसने,
लक्ष्य था उसका क्या...?
श्री राम के हाथों मर कर,
मुक्ति पा जाना,
गंगा, यमुना, कावेरी,
नर्मदा और सरस्वती नदियाँ,
पुण्य सलिला, स्थल तीर्थ,
भागीरथ का पुण्य प्रताप,
स्वर्ग से ला दिया,गंगा को,
धरा पर गंगा को,
सतयुग का बोलबाला,
मुँह से निकले वचन,
पत्थर बन गयी अहिल्या,
प्रभु राम ने लिया अवतार,
किया अहिल्या का उद्धार,
उदित होगा ज्यौं सूर्य,
मिला श्राप पति मृत्यु का,
थी वो सतयुग की नारी,
कैसे मृत्यु पति की जब,
न होगा सूर्य उदित,
छाया तिमिर चहुंओर,
मच गया हाहाकार,
सती का सतीत्व इतना,
भुवन भास्कर का रथ,
रोक दिया एक सती ने,
प्राचीन युग या आधुनिक,
रानी लक्ष्मीबाई हो, या पन्ना धाय,
कल्पना चावला, साईनी, साक्षी,
अंशु, या हो पी टी ऊषा,
सदियों से परचम लहरा रहीं,
भारत की नारी...।
काव्य रचना-रजनी कटारे
जबलपुर ( म.प्र.)
Niraj Pandey
02-Nov-2021 04:18 PM
बहुत अच्छे
Reply